हिंदी-अँग्रेजी पुनरुक्ति शब्दों का आर्थी विश्लेषण

सारांश

भाषाविज्ञान में रूपविज्ञान के अंतर्गत पुनरुक्ति शब्दों का अध्ययन होता है। पुनरुक्ति शब्द रूपवैज्ञानिक प्रक्रिया है। इसके कई प्रकार हैं- पूर्ण पुनरुक्ति, अपूर्ण पुनरुक्ति, पर्याय शब्द, विलोम शब्द, वर्गीय शब्द। पुनरुक्ति शब्दों का जब हिंदी से अँग्रेजी अनुवाद करते हैं तो एक शब्द और दो मिले शब्दों का अनुवाद एक ही होता है। मशीनी अनुवाद के संदर्भ में शब्द प्रतिचयन में पुनरुक्ति की समस्या होती है। हिंदी-अँग्रेजी पुनरुक्ति शब्दों का जब आर्थी विश्लेषण करते हैं और उसके जो भाव व्यक्त होते हैं उनके विश्लेषण को बताया गया है ।

 1. भूमिका

आज के इस सूचना क्रांति के युग में संगणक एक महत्त्वपूर्ण उपकरण है,जिसके माध्यम से मानव कम से कम समय में अपना कार्य कर लेता है। भाषा प्रौद्योगिकी के अंतर्गत मानव और संगणक के अंतरापृष्ट में कृत्रिम बुद्धि के क्षेत्र की दिशा में हो रहे शोधों के माध्यम से संगणक भी मानव मस्तिष्क की तरह भाषायी व्यवहार कर पाए। इसके अनुप्रयुक्त पक्ष में प्राकृतिक भाषा संसाधन, ओ.सी.आर आदि। प्राकृतिक भाषा संसाधन भाषा प्रौद्योगिकी का उपक्षेत्र है। प्राकृतिक भाषा संसाधन के अंतर्गत अनेक क्षेत्रों में कार्य हो रहा है जो इस प्रकार है-वाक संसाधन ,वाक संश्लेषण,शब्द संसाधन और पाठ संसाधन।

इसमें पाए जाने वाले सभी घटक वाक्य, उपवाक्य, पदबंध, पद का संसाधन होता है। इसमें अर्थ का भी समावेश होता है। इसमें तीन आधार होते हैं। पाठ संसाधन को तीन प्रक्रिया हैं- 1.पूर्व संसाधन 2.मध्य संसाधन 3.पश्च संसाधन। पूर्व संसाधन में नामपद पहचानक, दिनांक पहचानक, अंक पहचानक, पदबंध पहचानक, (Name Entity Recognizer, Number Marking, Date Marking, Phrase Marking, POS Tagging), पुनरुक्ति आर्थी विश्लेषक आते हैं। पुनरुक्ति शब्द यौगिक शब्दों का एक भेद है और इसमें से बहुत से सामासिक भी हैं। यौगिक शब्दों का एक रूप युग्म शब्द है। इसका अर्थ है-जोड़ा। जब कोई शब्द अपने समानार्थी, विलोमार्थी अथवा मिलते-जुलते शब्द के साथ जोड़ा बनाकर प्रयुक्त होता है तब उसे युग्म कहते हैं। पुनरुक्ति वह है जिसमें एक शब्द को दुहराया जाता है जो पृथक, यादृच्छिक, पुनरुक्ति रूपांतर के संबंध को बतलाता है। संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण, क्रिया, क्रिया-विशेषण आदि शब्दों से पुनरुक्ति शब्दों का निर्माण होता है।

2.पुनरुक्ति के प्रकार

2.1.पूर्ण पुनरुक्ति- जब कोई एक शब्द एक ही साथ लगातार दुहराया जाता है तो उसे पूर्ण पुनरुक्ति कहते हैं। उदाहरण:

संज्ञा- गाँव-गाँव, भाई-भाई, गली-गली, रंग-रंग।

विशेषण- बड़े-बड़े, पके-पके, नए-नए, फीकी-फीकी, काले-काले आदि।

सर्वनाम- कौन-कौन, कोई-कोई, जो-जो आदि।

क्रिया- हँसता-हँसता, देखते-देखते, आते-आते आदि।

क्रिया-विशेषण- धीरे-धीरे, ऊपर-ऊपर, नीचे-नीचे, हाथ-हाथ।

2.2.आंशिक पुनरुक्ति – जब कोई एक शब्द दुहराया जाता है तो दूसरा शब्द समान नहीं होता बल्कि उसमें ध्वनि या अर्थ के आधार पर शब्द समान होता है।

संज्ञा – काम-काज, जोर-शोर, हल-चल,

विशेषण- ऐसा-वैसा, लूला-लंगड़ा, सुंदर-उंदर

सर्वनाम- मैं-मैं, तुम-तुम

समवर्गी शब्द- चाय-वाय, पानी-वानी, खाना-वाना, सालोंसाल, बातोंबात

 2.3.अर्थ के आधार पर तीन प्रकार के पुनरुक्ति निम्न हैं-

2.3.1.विलोम – दिन-रात, लेन-देन, आगे-पीछे

2.3.2.पर्याय – बाग-बगीचा, धन-दौलत

2.3.3 . वर्गीय – दाना-पानी, पोथी-पत्रा

3.पुनरुक्ति शब्दों का आर्थी भाव-

3.1.पुनरुक्ति संज्ञा ( Reduplicated Nouns )

रूप (Form)प्रकार (Type)उदाहरण( Example)आर्थी भाव( Semantic Sense)
सं+संपूर्ण पुनरुक्तिघर-घर, कोना-कोना, टुकड़ा-टुकड़ाEach and every
सं+संपूर्ण पुनरुक्तिअंग-अंग, नस-नसAll
सं+संपूर्ण पुनरुक्तिबात-बातAny
सं+संSame semantic category समान आर्थी कोटीचाय-पानी,दाल-भात,हाथ-मुह,लाल-पीलाRelated complete sense (here breakfast, food, possible parts of body)
सं+रूप0 वैज्ञा0परी0 +संSame word with ‘o’ or ‘on’ morphemeओ,ओं रूपिमहाथोंहाथ,रातोंरात दिनोंदिन, कानोंकानAccidental, continuity, via
सं+संWord and synonymशब्द और पर्यायबाग-बगीचा,धन-दौलतThings like it (first word)
सं+निपात+संParticle between 2 nounsकाम-ही-कामA lot of
सं+सं +PPReduplicated words with postpositionsसमय-समय-पर, स्थान-स्थान-पर, बीच-बीच मेंAt some pointed position
सं+संWords of Relation/occupationभाई-भाई,मित्र-मित्रBoth

3.2. पुनरुक्ति क्रिया ( Reduplicated Verbs ) :

FormTypeExampleSemantic Sense
क्रि. + क्रि. (oblique)Oblique Complete Reduplicationचलते-चलते थक गया,पड़ते-पड़ते सो गयाLong time continuity
क्रि. + क्रि. (oblique)Oblique Complete Reduplicationचलते-चलते बोला,पड़ते-पड़ते आयाDuring (at the same time)
क्रि. + क्रि. +करपूर्ण पुनरुक्तिरो-रोकर बोलीDuring (at the same time)
क्रि. + क्रि. (oblique)Oblique पूर्ण पुनरुक्तिहसते-हसते पेट फूल गया, बोलते-बोलते थक गयाMuch
क्रि. + क्रि. +करपूर्ण पुनरुक्तिबोल-बोलकर थक गयाMuch, many times
क्रि. + क्रि.पूर्ण पुनरुक्ति (+oblique)चलो-चलो,देखो-देखोcontemporariness
क्रि. + क्रि.पूर्ण पुनरुक्ति (+respect)आइए-आइएFormality
क्रि. + क्रि.verbs related to physical damageगिरते-गिरते,मरते-मरते,Accidental
क्रि. + क्रि.Perfect and past perfect formsकसे-कसाए,फसे-फसाए,लगी-लागाईAlready done successfully
क्रि. + क्रि. चलो-न-चलोAs you wish

3.3.पुनरुक्ति विशेषण और क्रियाविशेषण ( Reduplicated Adjectives and adverbs ) :

वि.+वि.पूर्ण पुनरुक्ति (+Oblique)सुंदर-सुंदर,अच्छे-अच्छे,लाल-लाल फूलEach of same category
वि.+ निपात + वि.क्रि.वि.+ निपात +क्रि.वि.Particle between 2 adjectives/adverbsकुछ-न-कुछ,कभी-न-कभी,कहीं-न-कहींWhatever
वि.+वि.Adjectives showing quantityकुछ-कुछ, थोड़ा-थोड़ा, कम-कम, अधिक-अधिकAssertion of quantity
वि.+से+वि.‘se’ between 2 adjectivesछोटे-से-छोटा, कड़े-से-कड़ा, बुरे-से बुराMost (as much as possible)
वि.+ निपात +वि. क्रि.वि.+ निपात +क्रि.वि.‘se’ between 2 adjectives/adverbsकुछ-से कुछ,कहीं-से-कहीं,कहाँ-से-कहाँDifference
क्रि.वि.+ क्रि.वि.पूर्ण पुनरुक्तिधीरे-धीरे, चुपके-चुपकेMode
क्रि.वि.+ क्रि.वि.Different but relatedजहाँ-तहाँ,जहाँ-कहीं,इधर-उधरAnywhere in the place

3.4.पुनरुक्ति अंक , सर्वनाम (Reduplicated words of other categories)

W+WFrozenदाने-दाने को तलासना, मारा-मारा फिरनाFrozen (in these constructions- food, unlucky)
सर्व.+सर्व.पूर्ण पुनरुक्ति (genetive)अपना-अपनाEach
QW+QWप्रश्न शब्द+ प्रश्न शब्दपूर्ण पुनरुक्तिक्या-क्या बोला,क्या-क्या नहीं बोला,कहाँ-कहाँ,किधर-किधरall, A lot (Spoken)
संख्या+संख्या+ कर/करकेपूर्ण पुनरुक्तिएक-एक कर बोलो, दो-दो करके आओOrder
Indc+Indcपूर्ण पुनरुक्तिअंदर-अंदर,नीचे-नीचेThrough (से होकर)
Indc+Indcपूर्ण पुनरुक्ति (indeclinable)मैं अंदर-अंदर परेशान हूँFrom
Indc+Indcपूर्ण पुनरुक्तिदूर-दूरMore
IntW+IntWपूर्ण पुनरुक्ति (interrogative words)अरे-अरे!, छि-छि!Exclamation
W+Wपूर्ण पुनरुक्तिधुक-धुक,सर-सर,बक-बकEcho-formation/onomatopoeia
W+Wआंशिक पुनरुक्तिचाय-वाय, पानी-वानी, गाना-वानाEtc
शब्द+ विलोमTime showing words समय बताने वाले शब्दरात-दिन,सुबह-शामCompleteness
2W+2WDouble pronouns दो सर्वनामतू-तू मै-मैIdiosyncratic (quarrel)

4. पुनरुक्ति शब्दों की समस्या-

Reduplicated nouns – घर

1.हिंदी वाक्य – वह घर जाता है।

अँग्रेजी अनुवाद – He goes home.

2. हिंदी वाक्य – वह घर-घर जाता है।

अँग्रेजी अनुवाद – He goes house to house/ door to door.

नोट:-पहले वाक्य में घर का अर्थ- केवल एक घर और दूसरे वाक्य में अनेक घर का अर्थ व्यक्त हो रहा है।

Reduplicated pronoun – अपना-अपना – own

1. हिंदी वाक्य – रमेश और राहुल अपना-अपना सामान उठा कर चले गए।

अँग्रेजी अनुवाद – They went buy taking there own thing.

2. हिंदी वाक्य – रमेश और राहुल अपना सामान उठा कर चले गए।

अँग्रेजी अनुवाद – they went buy taking there own thing.

Reduplicated adverb – कुछ-कुछ -something

1. हिंदी वाक्य – दोनों चीजें अलग हैं।

अँग्रेजी अनुवाद -Two things are different.

2. हिंदी वाक्य – दोनों चीजें अलग-अलग हैं।

अँग्रेजी अनुवाद – Two Things are different

Reduplicated adjective – अच्छा-अच्छा – good

1. हिंदी वाक्य – अच्छे-अच्छे अपड़े पहन लो।

अँग्रेजी अनुवाद – wear nice dress.

2. हिंदी वाक्य – अच्छे कपड़ेपहन लो।

अँग्रेजी अनुवाद -wear nice dress.

Reduplicated verb – उठाते-उठाते -picking up, taking

1. हिंदी वाक्य – फोन उठाते-उठाते कट गया।

    अँग्रेजी अनुवाद – Picking up the phone got disconnected

2. हिंदी वाक्य – फोन उठाते कट गया।

     अँग्रेजी अनुवाद -Taking the phone got disconnected

वाक्यगत संदिग्धार्थकता (Syntactic Ambiguity) –

धीरे-धीरे कहो । शब्द धीरे से पढ़ो और आवाज धीरे करो |

शाब्दिक संदिग्धार्थकता (Lexical Ambiguity)– घर-घर (प्रत्येक घर), प्रत्येक घर (कौन-सा घर)- कारखाना घर, प्रशासनिक घर, सरकारी घर, अकादमिक घर, रेंट घर, अस्पताल घर, बच्चो का घर, जानवरों का घर इत्यादि ।

5.निष्कर्ष

आज के सूचना क्रांति के युग में संगणक की महत्त्वपूर्ण भूमिका है। संगणक मनुष्य के लिए एक आवश्यक यंत्र बनती जा रही है। जिससे मनुष्य संगणक के द्वारा अपनी आवश्यकता की जानकारी कम से कम समय में कर सके। प्रौद्योगिकी के युग में अनुप्रयोग के अंतर्गत अनेक क्षेत्रों में काम हो रहे हैं- वाक संसाधन, वाक संश्लेषण, शब्द संसाधन और पाठ संसाधन आदि। पाठ संसाधन के अंतर्गत पुनरुक्ति आर्थी विश्लेषक आता है। वक्ता अपनी अभिव्यक्ति लाने के लिए पुनरुक्त शब्द का प्रयोग करता है। इस प्रकार के शब्द युग्मों से अर्थ में अतिशयता, प्रत्येक, भिन्नता आदि का बोध होता है। पुनरुक्ति शब्दों से जो अर्थ निकलते हैं उसकी जानकारी होनी आवशक है। अत: इसका उपयोग प्राकृतिक भाषा संसाधन के लिए आवश्यक है।

संदर्भ-ग्रंथ सूची

  1. बाहरी, हरदेव (1982) व्यावहारिक हिंदी व्याकरण, लोकभारती प्रकाशन इलाहाबाद।
  2. ओझा, त्रिभुवन (1994) हिंदी में अनेकार्थता का अनुशीलन, विश्वविद्यालय प्रकाशन, वाराणसी।
  3. कपूर, बद्रीनाथ (1998) लोकभारती प्रामाणिक हिंदी कोश, लोकभारती प्रकाशन, इलाहाबाद।  
  4. अग्निहोत्री, रमा कांत (अनुवादक: अनुशब्द) (2013) हिंदी एक मौलिक व्याकरण, वाणी प्रकाशन, प्रथम संस्करण। 
  5. सिंह, सूरजभान (2006) अँग्रेजी–हिंदी अनुवाद व्याकरण प्रभात प्रकाशन, दिल्ली संस्करण। 
  6. Abbi, Anvita (1980) Semantic Grammar of Hindi (A Study In Reduplication), Bahari publication private limited.
  7. Abbi, Anvita (2001) A Manual of Linguistic Field Work and Structures of Indian Languages, Lincom Europa. 
  8. Kachru, Yamuna (1980) Aspects of Hindi Grammar, Manohar Publications.
  9. Koul, Omkar (2008) Modern Hindi Grammar: Dunwood Press. 

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Grammar, Hindi Linguistics, Syntax