अनुवाद-चिंतन
गोदान के अनुवाद का भाषिक विश्लेषण : समाज सापेक्ष – सुबोध कुमार

किसी समाज के मनोविज्ञान को समझने के लिए उसकी संबोधन शब्दावली एक महत्त्वपूर्ण और उपादेय सामग्री सिद्ध हो सकती है। संबोधन शब्दों के प्रयोग से व्यक्ति और समाज के स्तर का भी बोध होता है। “इस विषय की ओर सर्वप्रथम अमरीकी और यूरोप के कुछ समाज-भाषावैज्ञानिकों का धयान गया जिसमें ‘गिलमैन’&
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